कोरोनावायरस का प्रकोप काफी तेजी से बढ़ रहा है, ऐसे में यह वायरस भारत के लिए भी खतरनाक है, एमआईटी के वैज्ञानिकों ने एक शोध में दावा किया है कि यदि गरम क्षेत्रों में कोरोनावायरस संक्रमण फैलाव बहुत धीमी गति से होता है, यदि यह बात सच निकली तो भारत कोरोनावायरस से जल्दी ही मुक्त हो जाएगा और यदि यह बात झूठी निकली तो कोरोनावायरस काफी भयानक तबाही लाने वाला है, शोधकर्ताओं की बात अगर सच निकली तो जल्दी ही देश को राहत की सांस मिलने वाली है, क्योंकि बहुत जल्द अप्रैल का महीना शुरू होने वाला है जिसके बाद टेंपरेचर बढ़ जाएगा|
एमआईटी के शोधकर्ताओं में यूसुफ जमील के के और कासीम बुखारी का कहना है कि 3 से 17 डिग्री सेल्सियस तक तापमान वाले क्षेत्र में कोरोनावायरस संक्रमण पाया गया है, लेकिन यह गर्म तापमान इस महामारी को फैलने की गतिविधि को धीमा कर सकता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि इसका प्रकोप नहीं होगा, शोधकर्ताओं के अनुसार 18 डिग्री सेल्सियस औसत तापमान में गर्मी का सामना दक्षिण गोलार्ध के देशों में कोरोना संक्रमण के मामले दर्ज हुए हैं, लेकिन विश्व स्तर पर फैलने वाले संक्रमण की तुलना में यहां पर 6% कम है|
शोधकर्ताओं का दावा
बाबक नाईन और स्पेन के मुगल बी अरूजू के साथ फिनलैंड के शोधकर्ताओं दावा किया कि मौसम के कारण कोरोनावायरस से संक्रमित होने की गति धीमी रही, उनका मानना है कि वायरस का प्रकोप 2 से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान वाले शुष्क क्षेत्र में ज्यादा हुआ है, जब की जहां पर ठंड का मौसम है वहां इस वायरस की संख्या ज्यादा पाई गई|
यदि बात करें भारत की तो अप्रैल से लेकर जून तक 18 डिग्री से लेकर 48 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान बना रहता है, इसी बीच कुछ ऐसे भी क्षेत्र है जहां पर 50 डिग्री सेल्सियस तक तापमान पहुंच जाता है, ऐसे में वैज्ञानिकों का दावा है कि इस तापमान पर कोरोनावायरस का प्रकोप हद से ज्यादा कम हो जाएगा|